आइये यूरोप घूमने चलें.
नोर्थ ईस्ट के मुल्क पहले घुमते हैं .
इस में स्केंदिनिविया के देश आते हैं.
जैसे डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन , फिनलैंड, आईसलैंड
आईसलैंड छोड़ कर बाकी सभी देश बाल्टिक सी को छूते हैं.
आईसलैंड नार्थ अटलानटिक समुद्र में है.
नार्वे और स्वीडन , फिनलैंड को पश्चिम में छूते हैं.
रशीआ भी फिनलैंड को पूर्व से छूता है.
रशीआ, एसटोनिया, लैटवीआ, लीथूआनीआ, पोलेंड , जरमनी,
भी बाल्टिक सी को टच करते हैं .
यह रिक्शा वाला कस्टमर का इन्तजार कर रहा था . उस ने हमे बताया के वो रिक्शा करनाल से ले कर गया है ' हम ने सिर्फ फोटो खिचवाई है उस के साथ . नीली शर्ट वाली लडकी भी हमारी तरह टूरिस्ट है जो हमे लिटल मरमेड के पास मिली और हम उस के साथ हो लिए .
आओ क्रूज शिप में चलते हैं कोपनहेगन से स्टाकहोम ,
बाल्टिक सी में चलेगा समुंद्री जहाज .
अल्फ्रेड नोबल ,स्वीडन का रहना वाला था.
http://www.answers.com/topic/alfred-nobel
अल्फ्र्रेड नोबल ने हमे डय्नामाँईट बाम्ब दिया और नोबल पराईज भी दिया .
उस की कमपनी ने भारत को बोफरज तोपें भी बेची.
इल्जाम लगा की राजीव गांधी जी ने सौदे में पैसे खाए.
यह वही स्वीडन देश है .
स्वीडन ने ना पहली ना दूसरी वर्ड वार में हिसा लिया .
समुंद्री लुटेरे वाईकिंग यहाँ के ही थे .
आज मयूंजिय्म में वाईकिंग का शिप भी देखेंगे .
चलें ....
पहली बार में स्वीडन कोपनहेगन से ट्रेन से आया था .
तब मैं बेचलर था और अमरीका से वापस घर्र , इंडिया आ रहा था
और
21 दिन का यु रेल पास ले कर पूरा यूरोप घूमा . यूथ होस्टलों में ठहरा . कराया बहुत ही कम .
दुसरे जवान टूरिस्टों की कम्पनी . हाथ में किताब . यूरोप देखो पांच डोलर रोज में .
साल था 1971 . मेरा होस्टल एक पुराना शिप था जो समुन्द्र के किनारे खड़ा किया हुआ था .
इस में पूरा नहाने का सोने का इंतजाम था .
आज कल भी पूरी दुनिया में यूथ होस्टल हैं और दुसरे जवान लोग ठहरते हैं .
पहले इस का मेम्बर बनना पड़ता है . चाणक्य पुरी में यूथ होस्टल है .
आप वहां जा कर मेम्बर बन सकते हैं .
मुझे कम्पनी मिली एक इंडियन लडकी की जो अकेली पूरा यूरोप देखने निकली थी . साल १९७१.
दूसरी बार जुरिक से स्विस एयर लाइन में हवाई जहाज पर बीवी बचों के साथ
तब हम एक साधारण से साफ़ सुथरे होटल में ठहरे जो बाज़ार के नजदीक भी था और
भीड़ भाड़ भी नहीं थी .
और
तीसरी बार क्रूज शिप में बीवी के साथ
शिप से उतरे ,वो किनारे पर ही खड़ा था और बस और मेट्रो भी साथ में थी .
फिर वहां वहां गये जहां हम पहले ठहरे थे या घूमे थे .
साथ में नयी जगेह भी देखी .शाम को शिप में डिनर टाईम तक वापिस .
क्रूज का अपना ही मजा है , बाहर बालकोनी से नजारा बड़िया. रूम सर्विस बडीया और कोई पैसा भी नहीं खर्चना .
शाम को आदीतोरीअम में हर रोज नए नए लाईव शोज ,
वो नहीं देखने तो बार में बैठो ,पीओ, लाईव म्यूजिक का आनन्द लो .
यहाँ ड्रिंक पर पैसा लगेगा .
लाईब रेरी में बैठो . डेक पे बैठो , सैर करो . जिम में एक्सरसाईज करो. स्विम करो. स्टीम बाथ, सोना बाथ. इन डोर स्विमिंग आऊट डोर स्विम्मिंग
रात के १२ बजे तक डांस भी करो और खाओ पीओ फ्री . फ्री नहीं आप ने टिकट में ही उस के पैसे दे दिए थे .
अरे ख़ास बात तो बताना भूल गया पूरी रात जूआ खेलो . मुझे बिलकुल शौक नहीं . में तो पास भी जाना पसंद नहीं करता .
जिन को लडकियों से मसाज करवाना पसंद है तो वो भी करवा सकते हैं .
छत पर एक जगेह न्यूड बीच भी होता है.
जब आप घूम कर शिप में वापिस आते हैं तो कमरे की सजावट देखने लायक होती है .इस के लिए जब आप आख़री दिन जब शिप छोड़ते हैं तो अच्ही खासी टिप देनी होती है . वो भी आप को बता दी जाती है . यहाँ आप को बहुत से एशियन वेटर मिलते हैं .
हमारा क्रूज १३ दिन का था . वो इंग्लैंड से चला था और अतलांतिक सी में चलता हूआ , बाल्टिक सी में होता हूआ स्वीडन में स्टोकहोम में रूका .
सुभह नाश्ता किया और शिप की बसें हमें सिटी के बीच में छोड़ आई . घूमो .
फिर वही दिन का ट्राम और बस का पास
बनवाया और चल दिए .
कुछ दुसरे यात्री भी साथ थे , कुछ रास्ते में मिलते जाते . कुछ दिन बाद तो सब की पहचान होने लगती है .डेल्ही से हर रोज हेलसिंकी के लिए डाईरेक्ट फलाईट्स भी हैं ,
http://www.davidmetraux.com/sweden.html
http://www.bugbog.com/gallery/sweden_pictures/sweden_pictures_1.html
जब में अम्रीका में शिकागो में नोकरी करता था तो मेरे साथ एक स्वीडिश लडका भी काम करता था. में उसे इंडिया के बारे में बताता और वो स्वीडेन के बारे ने . उसी ने मुझे वहां जाने के लिए प्रेरित किया. साल था 1971 .में तो उतरते ही डे पास बनवा लेता हूँ और शेहर घूम लेता हूँ . बाजारों और गलियों में घूमने से वहां के अर्कित्क्ट और हिस्ट्री की झलक नजर आती है , शौपिंग का मुझे शोंक नहीं . हर चीज इंडिया में मिलती है . अगर नहीं मिलती मेरा काम तो इंडियन मेड से चल जाता था और आज भी चलता है , मेरी पहली परेफ रेन्स मेड इन इंडिया रहती है ,चाईना की तो बिलकुल नहीं . मेरी बीबी भी इस बात में मेरे साथ है , या तो दुनिया देख लो या दुकाने .
नोकिया कम्पनी फिनलैंड की है .
शादी से पहले हर घर में दो या तीन बचे होना आम बात है .
अगर बच्चे का पालन माँ बाप नहीं करते या कर सकते तो सरकार करती है .
माँ को पैसे देती है .
नोर्थ फिनलैंड में सर्दीयों में सूरज नहीं निकलता और ग्र्मीओं में सूरज छूपता नहीं . 8 महीने की सर्दी और चार महीने की गर्मी . यह हाल सभी मुल्कों मैं है जो आर्कटिक सर्कल के ऊपर हैं . आर्कटिक सर्कल 66 नोर्थ में है .
भूम्द रेखा जीरो डिग्री कहलाती है . उस से ऊपर नोर्थ और नीचे साऊथ
दिल्ली से फिनिश एयर लाइन की फ्लाईट हर रोज हेलसिंकी जाती है .
फिर आगे यूरोप के दुसरे देशों में ले जाती है .
नोर्वे का उतरी पूर्वी भाग फिनलैंड को टच करता है . फिनलेंड के पूर्वी भाग को रूस छूता है . इस का शेहर सेन्ट पीटर्जबर्ग जादा दूर नहीं हेलसिंकी से .
इस व्य्कती का पूरा विश्व कर्जदार है . इस ने विशव को लाईन्स का कम्प्यूटर सोफ्ट वेयर फ्री दिया . जब के यह साहिब बिल गेट की तरेह अरबों रूपय कमा सकते थे . ऐसे भी लोग हैं दुनियाँ में . यह फिनिश निवासी हैं .
नाम है
Linus Torvalds
click here to know more about him
http://www.answers.com/topic/linus-torvalds
https://plus.google.com/photos/114868695202782177823/albums/4985706705611849745?banner=pwa
austria
https://plus.google.com/photos/114868695202782177823/albums/4991022391158243345?banner=pwa
नोर्वे
Fjords of Norway
http://world-visits.blogspot.in/2012/02/welcome-norway-fjords-you-need-to-plan.html
नोर्थ ईस्ट के मुल्क पहले घुमते हैं .
इस में स्केंदिनिविया के देश आते हैं.
जैसे डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन , फिनलैंड, आईसलैंड
आईसलैंड छोड़ कर बाकी सभी देश बाल्टिक सी को छूते हैं.
आईसलैंड नार्थ अटलानटिक समुद्र में है.
नार्वे और स्वीडन , फिनलैंड को पश्चिम में छूते हैं.
रशीआ भी फिनलैंड को पूर्व से छूता है.
रशीआ, एसटोनिया, लैटवीआ, लीथूआनीआ, पोलेंड , जरमनी,
भी बाल्टिक सी को टच करते हैं .
मैं डेनमार्क , नोर्वे दो बार , स्वीडन तीन बार और फिनलैंड एक बार गया हूँ .
डेनमार्क की पहचान है ,
लिटल मरमेड
यह केपिटल सिटी कोपनहेगन मै है
और
टिवोली गारडन भी इसी शेहर में है .
और
दुनिया मै ब्लू फिल्मे बनाना, पहली बार यहाँ लीगल हुआ था
कार्लज्ब्र्ग बीअर भी यहाँ की है .
लिटल मरमेड
कहानी के लिए , यहाँ क्लिक करें
टीवोली गारडन इन कोपनहेगन
गेट
watch this funny video of bikini bandits on the streets of copenhagen
after this dont foget to drink chilled beer..off course
यहीं बैठते हैं नदी के किनारे इन सफेद टेंटों के नीचे सडक पर , बीअर यहीं आ जायेगी
यह रिक्शा वाला कस्टमर का इन्तजार कर रहा था . उस ने हमे बताया के वो रिक्शा करनाल से ले कर गया है ' हम ने सिर्फ फोटो खिचवाई है उस के साथ . नीली शर्ट वाली लडकी भी हमारी तरह टूरिस्ट है जो हमे लिटल मरमेड के पास मिली और हम उस के साथ हो लिए .
यह लोग सडक पर कोपनहेगन के बाज़ार में कला बाजी दिखा कर पैसे कमाते हैं
यह आदमी मोम से बना बुत है . रीअल आदमी नहीं
रीवोली के बाहर टिकट लेते हुए लोग
आओ अब मेरी ब्लाँ ब्लाँ से छुटकारा लें और इस वीडीओ से पूरा शेहर देखें
कल चलेंगे स्वीडन की केपीटल स्टाकहोम
गोरी गोरी भूरे बालों वाली सुन्दरीयाँ दिखाऊंगा , आना मत भूलना
आओ क्रूज शिप में चलते हैं कोपनहेगन से स्टाकहोम ,
बाल्टिक सी में चलेगा समुंद्री जहाज .
अल्फ्रेड नोबल ,स्वीडन का रहना वाला था.
http://www.answers.com/topic/alfred-nobel
अल्फ्र्रेड नोबल ने हमे डय्नामाँईट बाम्ब दिया और नोबल पराईज भी दिया .
उस की कमपनी ने भारत को बोफरज तोपें भी बेची.
इल्जाम लगा की राजीव गांधी जी ने सौदे में पैसे खाए.
यह वही स्वीडन देश है .
स्वीडन ने ना पहली ना दूसरी वर्ड वार में हिसा लिया .
समुंद्री लुटेरे वाईकिंग यहाँ के ही थे .
आज मयूंजिय्म में वाईकिंग का शिप भी देखेंगे .
चलें ....
पहली बार में स्वीडन कोपनहेगन से ट्रेन से आया था .
तब मैं बेचलर था और अमरीका से वापस घर्र , इंडिया आ रहा था
और
21 दिन का यु रेल पास ले कर पूरा यूरोप घूमा . यूथ होस्टलों में ठहरा . कराया बहुत ही कम .
दुसरे जवान टूरिस्टों की कम्पनी . हाथ में किताब . यूरोप देखो पांच डोलर रोज में .
साल था 1971 . मेरा होस्टल एक पुराना शिप था जो समुन्द्र के किनारे खड़ा किया हुआ था .
इस में पूरा नहाने का सोने का इंतजाम था .
आज कल भी पूरी दुनिया में यूथ होस्टल हैं और दुसरे जवान लोग ठहरते हैं .
पहले इस का मेम्बर बनना पड़ता है . चाणक्य पुरी में यूथ होस्टल है .
आप वहां जा कर मेम्बर बन सकते हैं .
मुझे कम्पनी मिली एक इंडियन लडकी की जो अकेली पूरा यूरोप देखने निकली थी . साल १९७१.
दूसरी बार जुरिक से स्विस एयर लाइन में हवाई जहाज पर बीवी बचों के साथ
तब हम एक साधारण से साफ़ सुथरे होटल में ठहरे जो बाज़ार के नजदीक भी था और
भीड़ भाड़ भी नहीं थी .
और
तीसरी बार क्रूज शिप में बीवी के साथ
शिप से उतरे ,वो किनारे पर ही खड़ा था और बस और मेट्रो भी साथ में थी .
फिर वहां वहां गये जहां हम पहले ठहरे थे या घूमे थे .
साथ में नयी जगेह भी देखी .शाम को शिप में डिनर टाईम तक वापिस .
क्रूज का अपना ही मजा है , बाहर बालकोनी से नजारा बड़िया. रूम सर्विस बडीया और कोई पैसा भी नहीं खर्चना .
शाम को आदीतोरीअम में हर रोज नए नए लाईव शोज ,
वो नहीं देखने तो बार में बैठो ,पीओ, लाईव म्यूजिक का आनन्द लो .
यहाँ ड्रिंक पर पैसा लगेगा .
लाईब रेरी में बैठो . डेक पे बैठो , सैर करो . जिम में एक्सरसाईज करो. स्विम करो. स्टीम बाथ, सोना बाथ. इन डोर स्विमिंग आऊट डोर स्विम्मिंग
रात के १२ बजे तक डांस भी करो और खाओ पीओ फ्री . फ्री नहीं आप ने टिकट में ही उस के पैसे दे दिए थे .
अरे ख़ास बात तो बताना भूल गया पूरी रात जूआ खेलो . मुझे बिलकुल शौक नहीं . में तो पास भी जाना पसंद नहीं करता .
जिन को लडकियों से मसाज करवाना पसंद है तो वो भी करवा सकते हैं .
छत पर एक जगेह न्यूड बीच भी होता है.
जब आप घूम कर शिप में वापिस आते हैं तो कमरे की सजावट देखने लायक होती है .इस के लिए जब आप आख़री दिन जब शिप छोड़ते हैं तो अच्ही खासी टिप देनी होती है . वो भी आप को बता दी जाती है . यहाँ आप को बहुत से एशियन वेटर मिलते हैं .
स्वीडन
हमारा क्रूज १३ दिन का था . वो इंग्लैंड से चला था और अतलांतिक सी में चलता हूआ , बाल्टिक सी में होता हूआ स्वीडन में स्टोकहोम में रूका .
फिनलैंड
फिर हम वहां से फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी कुछ घंटो में शिप में पहुंचे . यह सफर हम ने रात में ही पूरा कर लिया .सुभह नाश्ता किया और शिप की बसें हमें सिटी के बीच में छोड़ आई . घूमो .
फिर वही दिन का ट्राम और बस का पास
बनवाया और चल दिए .
कुछ दुसरे यात्री भी साथ थे , कुछ रास्ते में मिलते जाते . कुछ दिन बाद तो सब की पहचान होने लगती है .डेल्ही से हर रोज हेलसिंकी के लिए डाईरेक्ट फलाईट्स भी हैं ,
http://www.davidmetraux.com/sweden.html
http://www.bugbog.com/gallery/sweden_pictures/sweden_pictures_1.html
जब में अम्रीका में शिकागो में नोकरी करता था तो मेरे साथ एक स्वीडिश लडका भी काम करता था. में उसे इंडिया के बारे में बताता और वो स्वीडेन के बारे ने . उसी ने मुझे वहां जाने के लिए प्रेरित किया. साल था 1971 .में तो उतरते ही डे पास बनवा लेता हूँ और शेहर घूम लेता हूँ . बाजारों और गलियों में घूमने से वहां के अर्कित्क्ट और हिस्ट्री की झलक नजर आती है , शौपिंग का मुझे शोंक नहीं . हर चीज इंडिया में मिलती है . अगर नहीं मिलती मेरा काम तो इंडियन मेड से चल जाता था और आज भी चलता है , मेरी पहली परेफ रेन्स मेड इन इंडिया रहती है ,चाईना की तो बिलकुल नहीं . मेरी बीबी भी इस बात में मेरे साथ है , या तो दुनिया देख लो या दुकाने .
नोकिया कम्पनी फिनलैंड की है .
शादी से पहले हर घर में दो या तीन बचे होना आम बात है .
अगर बच्चे का पालन माँ बाप नहीं करते या कर सकते तो सरकार करती है .
माँ को पैसे देती है .
नोर्थ फिनलैंड में सर्दीयों में सूरज नहीं निकलता और ग्र्मीओं में सूरज छूपता नहीं . 8 महीने की सर्दी और चार महीने की गर्मी . यह हाल सभी मुल्कों मैं है जो आर्कटिक सर्कल के ऊपर हैं . आर्कटिक सर्कल 66 नोर्थ में है .
भूम्द रेखा जीरो डिग्री कहलाती है . उस से ऊपर नोर्थ और नीचे साऊथ
दिल्ली से फिनिश एयर लाइन की फ्लाईट हर रोज हेलसिंकी जाती है .
फिर आगे यूरोप के दुसरे देशों में ले जाती है .
नोर्वे का उतरी पूर्वी भाग फिनलैंड को टच करता है . फिनलेंड के पूर्वी भाग को रूस छूता है . इस का शेहर सेन्ट पीटर्जबर्ग जादा दूर नहीं हेलसिंकी से .
इस व्य्कती का पूरा विश्व कर्जदार है . इस ने विशव को लाईन्स का कम्प्यूटर सोफ्ट वेयर फ्री दिया . जब के यह साहिब बिल गेट की तरेह अरबों रूपय कमा सकते थे . ऐसे भी लोग हैं दुनियाँ में . यह फिनिश निवासी हैं .
नाम है
Linus Torvalds
click here to know more about him
http://www.answers.com/topic/linus-torvalds
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नोर्वे
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