Tuesday, September 4, 2012



A Basic Electrical Circuit





While the labyrinth of wires that runs through the inner recesses of a home may seem to most people to be a tangled mess, they are—in order to function safely or at all—a precisely organized system.

A home’s electrical system is made up of a number of circuits. A “circuit,” by definition, is a circular journey that begins and ends at the same place, and this is essentially how electricity works. Current begins at a power source, powers the appliance or device along the circuit, and then returns to the power source. Any interruption in this path will render the circuit dead. 




 न्यूट्रल तार 

गर्म ,, हाट तार  या फेज तार 

वोल्टेज का सोरस

घर में बिजली की तारें ! आम लोगों को उलझी सी लगती हैं . जब की असल में ऐसा नहीं होता . वो सब ठीक तरीके से एक सिस्टम के अनुसार जुडी होती हैं ..

घर के बिजली के सिस्टम में कई सरकट  होते हैं।  

सरकट एक सफ़र का चकर है जो एक जगह से शुरू होता है और उसी जगेह  आ कर  ख़तम होता है। 

करंट पॉवर के सौरस से शुरू होता है और अपलाईनस को पॉवर दे कर  वापिस उसी पॉवर सोरस पर चला जाता है . 
इस के रास्ते की कोई भी रूकावट इसे बंद कर देती है।।

ज्यादा तर घरों में खम्बों से दो बिजली  की तारें घर में जाती हैं . एक हाट , जिसे फेज भी कहते हैं और दूसरी न्यूट्रल . 
भारत में फेज  में 240 वोल्ट होते हैं . न्यूट्रल में तो हर जगेह जीरो वोल्ट्स होते हैं .

घर में लो यानी कम वोलटस वाला सरकट भी होना चाहेए . इस से डोर बेल या डोर लाक चलाओ ता की करंट लगने के चांस  कम हो जाएँ . 

किसी भी बिजली के सरकट पर काम करने से पहले स्विच आफ करना मत भूलें और वो भी मेन स्विच . एक लाइन का स्विच आफ करने से काम नहीं चलेगा। वहां पर भी लिख कर रखो की आप अंदर काम कर  रहे हैं ताकी गलती से भी कोई दूसरा आ कर  स्विच आन ना कर दे .   


फेज या हॉट लाइन और न्यूट्रल के बीच में बल्ब या हीटर या अप ला ई नस जोड़ेंगे तो वो चलने लगेगा और फेज  की ला ई न में स्विच लगा क र सर्कट को ऑन ऑफ़ किया जाता है . याद रहे न्यूट्रल की ला ई न में कभी भी स्विच नहीं लगाया जाता . हमेशा फेज या हाट ला ई न में ही स्विच लगते हैं . 


बिजली फेज ला ई न से बल्ब तक जाती है उसे जलाती है और न्यूट्रल ला ई न से वापिस उसी स्विच में आ जाती है। 

जितने एम् पीय  रज  फेज में जाते हैं उतने एम् पी अर्ज ही वापिस न्यूट्रल से आते हैं . अगर अन्तर हो जाए तो समझ लो अप ला यंस में कहीं लीकागे है और करंट भी लग सकता है। इसी लिए तो आर सी डी या आर सी सी बी या ई एल सी बी लगाना जरूरी है . वेह आने और जाने वाले करंट को कम्पेयर करती रही है और जब भी फर्क आता है फट से ट्रिप क्र जाती है और सरकत में बिजली आफ हो जाती है और हमे अप ला इन्स को चूने से करंट नहीं लगता। 





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